विषय
- #खाद्य पदार्थों का भंडारण
- #ताज़गी बनाए रखना
- #फ़ूड पॉइज़निंग से बचाव
- #रेफ्रिजरेटर में भंडारण
- #कैंसर पैदा करने वाले पदार्थ
रचना: 2024-11-13
रचना: 2024-11-13 17:26
रोज़ाना इस्तेमाल होने वाले खाने-पीने की चीज़ों में से कुछ ऐसी हैं जिन्हें ख़ास तौर पर फ़्रिज में रखने की ज़रूरत होती है।
ख़राब होने या बैक्टीरिया के बढ़ने से रोकने और सुरक्षित खाने के लिए
कुछ खाने-पीने की चीज़ों को फ़्रिज में ज़रूर रखना चाहिए, जिनके बारे में हम आपको बता रहे हैं।
तिल के तेल में ओमेगा-3 भरपूर मात्रा में होता है, इसीलिए यह बहुत जल्दी ख़राब हो जाता है।
ख़राब होने पर'ऐक्रोलीन'नाम का पदार्थ बन सकता है, जिससे फेफड़ों के कैंसर होने की आशंका बढ़ जाती है।
दूसरे दर्जे का कैंसर पैदा करने वाला पदार्थके रूप में इसे दर्ज़ा दिया गया है।
ख़राब होने से बचाने के लिएतिल के तेल को रोशनी, गर्मी और धातु से दूर रखनाज़रूरी है।
इसलिए इसे फ़्रिज में रखना अच्छा होगा।
अंडे देने के वक़्त मुर्गी की बीट अंडे पर लग सकती है, जिससे 'साल्मोनेला बैक्टीरिया' होने की आशंका रहती है।
अंडे का छिलका पूरी तरह से बंद नहीं होता, बल्कि उसमें बहुत छोटे-छोटे छेद होते हैं, इसीलिए
अगर आप बैक्टीरिया को मारने के लिए अंडे को पानी से धोते हैं, तो अंडे के छिलके पर मौजूद क्यूटिकल परत भी धुल जाती है और
'साल्मोनेला बैक्टीरिया' अंदर घुस सकता है।
हमारे देश में 'धुले हुए अंडे' और 'न धुले हुए अंडे' दो तरह के अंडे बाज़ार में मिलते हैं।
जो अंडे हमें फ़्रिज में रखकर बेचे जाते हैं, वो 'धुले हुए अंडे' होते हैं।
पशु उत्पादों के प्रसंस्करण के मानदंड और घटकों के मानकों के नियम में सब कुछ तय है।
'धुले हुए अंडे' को पानी से धोने के बाद कोटिंग की जाती है, इसलिए
गंदगी से बचाने के लिए उन्हें शुरू से ही ठंडे तापमान में रखना चाहिए।
लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि 'न धुले हुए अंडे' मुर्गी द्वारा दिए गए वैसे ही बेचे जाते हैं।
इन्हें ब्रश या हवा से साफ़ करके बेचा जाता है।
निष्कर्ष यह है कि एक बार धोने के बाद उन्हें फ़्रिज में रखना ही होगा, इसलिएअंडों को हमेशा फ़्रिज में रखनाचाहिए।
फ़्रिज में अंडे रखते समयअंडे के डिब्बेका इस्तेमाल करें औरगोल हिस्सा ऊपर की तरफ़रखें।
अंडे में एक एयर पॉकेट होता है, जिसे ऊपर रखने से टूटने की आशंका कम हो जाती है और
बैक्टीरिया के घुसने की संभावना भी कम हो जाती है।
अंडों को पानी से न धोएँ और फ़्रिज में रखने के लिए ख़ास डिब्बे का इस्तेमाल करें।
सूखे मेवों और लाल मिर्च के पाउडर में 'ऐफ्लाटॉक्सिन'नाम का कैंसर पैदा करने वाला पदार्थ बन सकता है।
यह पदार्थलीवर का कैंसरपैदा कर सकता है। यहपहले दर्जे का कैंसर पैदा करने वाला पदार्थहै, जो 'एस्परजिलस' नाम के फफूंद से बनता है।
ख़ास तौर पर सूखे मेवों, अनाज और सॉस (मूंगफली का सॉस) में यह बन सकता है।
फफूंद के ज़हर 70-90% नमी और 22-30℃ तापमान पर पनपते हैं, इसलिए
इसे रोकने के लिए60% से कम नमी और 10-15℃ तापमानरखना अच्छा होगा।
पैक करके फ़्रिज में रखें या लंबे समय तक रखने के लिए फ़्रीज़ में रखें।
अगर फफूंद लग जाए, तो उसे काटकर न निकालें, बल्कि उसे फेंक दें।
खाने-पीने की चीज़ों को रखने के तरीक़े से उनकी ताज़गी बरक़रार रखी जा सकती है और खाने से होने वाली बीमारियों या सेहत के लिए ख़राब पदार्थों के बनने से बचा जा सकता है।
ख़ास तौर पर ख़राब होने या कैंसर पैदा करने वाले पदार्थों के बनने से रोकने के लिए हर चीज़ को उसके मुताबिक़ रखें।
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